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Tuesday, 2 February 2016

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Passion is Direct Way To Success : जुनून : सफलता का सीधा रास्ता...!!!

Passion is Direct Way To Success

Passion is Direct Way To Success:

आज के Young Generation में यह आम तौर पर यह देखा जाता है कि लोग Success होने का Shortcut ढूंढते है पर ऐसा कोई Shortcut है ही नहीं. अगर ऐसा होता तो आज लोग इतने बेरोजगार नहीं होते, सभी को कहीं न कहीं Success मिल ही जाती. 
                   
                   हम अक्सर सुनते हैं कि, “ Success होने के लिए कोई Shortcut नहीं होता, कड़ी मेहनत ही Success होने का राज़ है.” लेकिन, हमारी मेहनत हमारे Dreams पर निर्धारित करती है. मान लीजिए कि यदि कोई व्यक्ति Mumbai जा कर Film Actor बनना चाहे, तो उसे पहले यह समझना होगा कि देश भर से प्रतिदिन कम से कम Five Thousand लोग Mumbai Station पर Film Actor बनने का सपना ले कर उतरते हैं. उन हजारों में से गिने-चुने लोग ही Success हो पाते हैं. सफलता के भी कई आयाम हैं, कुछ आंशिक रूप से सफल हुए, तो कुछ लोग कुछ समय के लिए ही Success हो पाते हैं. तात्पर्य यह है कि इस क्षेत्र को चुनने पर “Risk Factor” काफी ज्यादा है. क्या आप उन हजारों में खुद को गिने-चुने लोगों में ला सकते हैं, जिनके लिए Success का दरवाजा खुल जाये??? 
                  यदि हाँ, तो आगे बढिए. लेकिन इसके लिए जो चीज चाहिए, वह है – “जुनून” आइये, इसे एक सच्ची कहानी से समझते हैं. इस Motivational Story में यह बतलाया गया है कि अगर कोई व्यक्ति Passion और लगन के साथ किसी काम में लग जाए तो उसे सफलता अवश्य ही मिलती है. यह एक True Story है, जो आपको Success होने की रह दिखलाता है.

Way To Success:

                 कई वर्ष पहले मेरठ में Cloth businessman की एक Family रहती थी. व्यापारी के बेटे को गाने-बजाने का शौकीन था. परिवार वाले चाहते थे कि वह प्रारंभिक Studies के बाद Family Business को संभाल ले. लेकिन, लड़के का मन Business में नहीं लगता था. वह अक्सर सोचता कि यदि ईश्वर ने मुझे सुप्रसिद्ध परिवार में जन्म दिया है, यदि मैं Family के Business में ही लग जाऊं, तो इसमें मेरी अपनी उपलब्धि क्या रही???
                    उसने निश्चय किया कि वह अपने दम पर अपनी पहचान बनायेगा. इसके लिए उसने Singer बनना ही Career चुन लिया. फिर उसने एक सच्चे गुरु की खोज की. कई गुरुओं के पास गया, लेकिन मन नहीं भरा. इस बीच Family को Business को लेकर Delhi जाना पड़ा. यहाँ भी Family का बहुत दबाव था कि लड़का Family Business में आ जाए, पर थक हारकर परिवार वालों ने उस लड़के को 2 Year का Ultimatum Time दिया. यदि इन दो सालों में कुछ नहीं कर पाये, तो Family Business में आना पड़ेगा. लड़का मन गया और एक मजबूत इरादे (Strong Wills) के साथ Mumbai की ओर निकल पड़ा. कई गीतकारों और संगीतकारों के पास गया. सबने कहा, आवाज़ तो अच्छी है पर नई आवाज़ के कारण Risk नहीं ले सकते. हालाँकि संगीतकार राम संपत ने लड़के को कहा, “Straggle (संघर्ष) करते रहो, Success अवश्य मिलेगी.” 
               वह जीवन बिताने और अपनी खर्च निकलने के लिए Hotels, Pub, Bar etc. में गाने लगा. शाम से देर रात तक होटलों में गाता और सुबह होते ही काम की तलाश में निकल पड़ता. तभी उसे पता चला कि संगीतकार राम संपत ने एक नामी Jewellery Company के Advertisement के जिंगल के लिए उस लड़के का नाम Offer किया. जिंगल के लिए पांच हज़ार रूपये मिलेंगे. पर शर्त यह भी थी कि अगर जिंगल पसंद नहीं आया तो एक पैसा नहीं मिलेगा. उस लड़के ने तुरंत हामी भर दी. Company को जिंगल बेहद ही पसंद आया. जब इसे Televisions में Broadcast किया गया, तो लाखों लोगों की Positive response आने लगी. Mumbai के एक फिल्म Producer ने उस लड़के को अपनी Film के गाने के लिए Signed किया. Producer की एक शर्त थी कि जब तक Film Release नहीं हो जाती, वह किसी और Film के लिए नहीं गायेगा. अभी Record चल रही थी, तभी उस लड़के को Superstar Shahrukh Khan की Company Dream Entertainment से Phone आया. Company उसे अपनी आगामी Film “चलते-चलते” के लिए Sign करना चाहती थी. वह Agreement के कारण मजबूर था. वह बेहद उदासीन हो कर बैठ गया और स्वयं को कोसने लगा. कुछ माह बाद, जब उस Producer की Film Release हुई, तो Film Flop हो गई, पर उस लड़के का गया हुआ गाना हर किसी के जुबान पर चढ़ गया. वह गाना था, “अल्ला के बन्दे” और उस लड़के का नाम था Kailash Kher.

Kailash Kher:


Kailash Kher ने एक बार कहा था कि, “जिंदगी आपको सब कुछ दे सकता है जिसकी आप Imagination करते हैं, पर उसकी वह भरपूर कीमत वसूलता है. यदि आप वह कीमत चुकाने को तैयार हैं, तो Success भी आपके कदम चूमने के लिए तैयार है.”

Abraham Lincoln: 


America के पूर्व President Abraham Lincoln ने कहा था, “अगर लगने लगे कि आपका लक्ष्य आपको हासिल नहीं हो पायेगा तो लक्ष्य को न बदलें, बल्कि अपने प्रयासों को बदलें.” Abraham Lincoln के इस ब्रह्मवाक्य का अर्थ है कि, “हमें मंजिल दे सकता है, जरुरत है अपने मन के मजबूत विश्वास की.” 

आप भी जुनून और लगन से किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते है, लेकिन उसके लिए मेहनत शर्त है.

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Saturday, 9 January 2016

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Power of Responsibility in Hindi

Power of Responsibility in Hindi
Responsibility एक ऐसा तथ्य है जो किसी भी इन्सान को जीवन में सफल होने की राह दिखलाती है. हर आदमी चाहता है कि लोग उसे पसंद करे. खासकर अपने साथ काम करने वालों और अपने Boss से मिला Encouragement उसे खुशी देता है. इस तरह के प्रोत्साहन पाने के बाद वह दुगुने उत्साह से काम कर पाता है. और अगर बहुत कुछ करने के बाद भी उसे बधाई न मिले तो वह मायुस (Disappointed) हो जाता है. लेकिन हम सभी यह जानते हैं कि किसी भी Situation में सभी लोगों को खुश करना Possible नहीं है. हर हल में कुछ लोग ऐसे होंगे जो Stupid, Uneducated, घमंडी... या अपनी सुविधा के पूर्वाग्रह के मुताबिक जो भी उन्हें ठीक लगेगा समझ सकते है.

Power of Responsibility in Hindi

अगर आपको अपनी Professional Responsibility पूरी करने के लिए ऐसे लोगों से मिलना पड़ता है जिन्हें आप बिल्कुल पसंद नहीं करते तो भी आपको उनसे मिलना पड़ेगा. लेकिन यह कमी आप अपने Personal Project से पूरी कर सकते हैं. खुद से सवाल कीजिए कि Really में आप किस तरह के हैं और किस तरह के लोगों के साथ रहना पसंद करते हैं? क्या आप किसी खास व्यक्ति से इसलिए मिलते हैं और उस के साथ समय बिताना पसंद करते हैं, क्योंकि दुसरे उसे पसंद करते हैं और वह काफी Popular है? सोंच-समझकर और अपनी Interest को ध्यान में रखकर ही अपनी Personal Project तैयार करें.

अपने व्यावसायिक (Business) कामकाज के लिए तो आपके लिए पसंद-नापसंद के हिसाब से सब कुछ तय करना मुमकिन नहीं. Professional Responsibilities निभाते समय ध्यान रखें कि आपको सिर्फ अपना काम पूरी Liability के साथ करते जाना है, हो सकता है आप कुछ के नजर में बहुत अच्छे Proved हों, हो सकता है कि आप हमेशा सबको खुश नहीं कर सकते. ऐसे लोगों की तलाश करें, जो आपको बहुत अच्छा समझते है. चूँकि हर आदमी आपको पसंद नहीं कर सकता, इसलिए आप ऐसे लोगों को चुनें, जिनके साथ रहने पर आपका Self-Confidence बढ़ता हो. जो आपको महसूस करवाते हों कि आप में भी कोई खास बात है. क्या आपने कभी Notice किया है कि कुछ लोगों के साथ रहते हुए आप अपने आपको ज्यादा Smart, Intelligent, Attractive और Qualified पाते हैं?

तब आप खासकर अपने आपको ज्यादा डरा हुआ महसूस कर रहे होते हैं, जब आपको लगता है कि कहीं लोग आपकी हकीकत न जान जाएँ यानि जब आप अपने बारे में कुछ छिपा रहे होते है. अपनी किसी खास बात को हम अपनी कमजोरी मान लेते हैं और फिर इसे छुपाने कि कोशिश करने लगते है. हम यह मान करा चलतें हैं कि इस बारे में अगर लोगों को पता चल गया तो वे हमारे बारे में गलत सोंच बना लेंगे. लेकिन तब यह हम यह भूल रहे होते है कि इस तरह हम अपने Self-Confidence को कमजोर कर रहें है. अपनी किसी Specialty को कमजोरी समझ लेना ठीक नहीं है.

Advertisement Agency में काम करने वाले शिखर को आज से Three Month पहले तक लगता था कि उसके अन्दर रचनात्मक (Constitutive) का आभाव है, जो कि इस Profession कि सबसे पहली जरुरत है. उसे लगने लगा था कि वह इस Profession में रह कर कभी Successful नहीं हो सकता. लेकिन Three Month पहले जब उसने नई Company Join की तो यहाँ उसे अपने Creative Director के साथ काम करते हुए महसूस हुआ कि पहले उसकी अपने बारे में जो सोच थी, वह पूरी तरह गलत थी. उसने तीन महीने में ही दो कामयाब Print Campaign Tire किए और जल्दी ही Advertising जगत में एक छोटी सी ही सही लेकिन मजबूत पहचान कायम कर ली. नए Creative Hand ने बिना किसी पूर्वाग्रह के रचनात्मक काम करने का मौका दिया उसने उसे पूरा कर दिखाया. यह इसलिए भी मुमकिन हुआ क्योंकि Boss ने उसे इस के काबिल समझ और उसे Encourage किया. ज्यादातर स्थितियों में आप अपने खोये हुए Self-Confidence को थोड़े जतन से वापस ला सकते हैं.

अतः अपने कार्य के प्रति समर्पित रहें और जो लोग आपके व्यावहारिक हितों कि पूर्ति करते हैं, उनके प्रति सदैव समर्पित रहें. आप अपने कार्य के द्वारा उन्हें खुश रखें, जो आप में ऐसी संभावना देख रहें हैं आप किसी भी Business अथवा किसी भी क्षेत्र में हों अपनी Responsibility अपने कार्य के माध्यम से कर सकतें हैं.


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Thursday, 31 December 2015

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Sanjay Sethi की Success Story (Co-Founder & C.E.O. of Shopclues) in Hindi

आज के युवाओं कि सबसे बड़ी Problem यह है की हम कुछ अलग करने की नहीं सोचते हैं. India में यह बहुत बड़ी समस्या है की आज हमें जो कुछ भी मिल जाता है उस पर ही संतुष्ट हो जाते हैं खुद से कुछ हांसिल करने कि कोशिस नहीं करते. हमारे जीवन में कुछ अलग करने कि ललक है ही नहीं. लेकिन यह बात किसी महापुरुष ने कहा है कि “जिसके जीवन में कुछ अलग करने कि चाह न हो और वह अपनी घिसीपिटी जिंदगी से ही खुश हो तो वह आदमी कभी भी Success के मुकाम को हांसिल नहीं कर सकता.”

आईये हम जानते हैं Sanjay Sethi के बारे में जानते हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी में कुछ अलग करते हुए Shopclues जैसी Online Marketing Company की नीव रखी और उसे सफलता की ऊंचाई तक उसे पहुँचाया.

Success Story of Sanjay Sethi (Co-Founder & C.E.O. of Shopclues)

America में बेहतरीन Career छोड़कर Sanjay Sethi India लौटे और अपने चार दोस्तों के साथ शुरु कि अपनी नई Company. महज चार साल के अन्दर Shopclues ने Online Market में बनाई खास जगह.

पढाई कुछ और ही की थी रास्ता कुछ और चुन लिया. और जो रास्ता चुना, उस पर Success की ऐसी Story दर्ज करते गए कि आज उनकी Story सब सुन रहे हैं.

Shopclues के Co-Founder और C.E.O. Sanjay Sethi ने महज चार साल पहले 2011 में इस Online Market – Shopclues की शुरुआत की थी. आज कि भागमभाग भरी जिंदगी में जब किसी के पास Market जाने का वक्त नहीं है, दिन के 24 घंटों में से केवल नींद के समय को छोड़ कर लोग हर समय Mobile और Computer पर Online रहते हैं. ऐसे में बाजार खुद उनके घर आ गया है. Sanjay कहते हैं, “Shopclues अन्य Websites से इसी मायने में अलग है, Shopclues Shopping Mall और बड़ा बाज़ार कि तरह है जहाँ सबके लिए सबकी जरुरत और खरीद क्षमता के मुताबिक सब कुछ मिलता है.”

Uttar Pradesh के शहरों Allahabad, Varanasi, Jhansi और Lucknow में जब Sanjay बड़े हो रहे थे तो Computer और हमारी जिंदगी में इतने तूफानी ढंग से Enter नहीं हुआ था. एक सामान्य Middle Class Family के मेधावी बच्चे कि तरह B.H.U से Mechanical Engineering कि पढाई की और SAIL (Steel Authority of India Limited) में नौकरी करने लगे. लेकिन दिल के अन्दर अगर कोई बेचैनी हो और हमेशा कुछ नया सीखते रहने कि ललक हो तो कोई इन्सान कैसे शांत बैठ सकता है. 1996 में IIT Delhi में पहली बार Computer Science में एक साल का एक Course शुरू किया. Sanjay उसके पहले Batch के Student थे. उन्ही के शदों में, “Computer तब नया-नया आया था. IIT में पढने के बाद मेरी जिंदगी कि दिशा बदल गई. फिर मैंने Mechanical Engineering की तरफ पलट कर नहीं देखा”

इसके बाद Sanjay America चले गए. और 14 साल के लिए वहीँ के हो कर रह गये. California में Ebay में काम करने के दौरान उनके मन में अपना कुछ काम करने का खायाल आया वे कहते हैं, “Ebay तब World का सबसे बड़ा Online Market था, लेकिन वहाँ काम करना बहुत ही Boring हो गया था. Ebay India के Online Market को पकड़ने में भी नाकाम रहा था. ऐसा न होता तो Flipkart, Snapdeal जैसी Companies के जमीन नहीं तैयार होती.

Sanjay को लग रहा था कि Indian Online Market का एक बड़ा सा हिस्स अभी भी अनछुआ है. पर America छोड़ने का फैसला आसन नहीं था. उसके पास America की नागरिकता (Citizenship) थी. Job, Safety, बच्चों का बेहतर Future. India लौटने का मतलब था इन सब को दाव पे लगा देना, लेकिन आखिरकार Sanjay ने कठिन रास्ता चुना.Sanjay ने अपने दोस्तों Sandeep, Radhika Agarwal और Mrinal Chatterjee के साथ मिलकर Gurgaon में महज 800 Sq.Ft. की जगह में अगस्त, 2011 में Shopclues की शुरुआत कि. एक साल बाद January 2012 में जब Shopclues पहली बार Online हुआ तो उनके यहाँ महज 15 लोगों की Team थी. पहले दिन उनके पास 2 Order आए थे. Sanjay उन दिनों की याद करते हैं, “शुरू में तो दिन के 3-4 Order ही आते थे. कई बार तो दिन भर में एक भी Order नहीं होता था”

उस दिन से लेकर आज Shopclues की कहानी कुछ यूँ बदली है कि अब Everyday 80,000 से लेकर 1 Lakh 50 Thousand तक Order आते हैं. महज 20 Merchant से शुरू हुआ सफ़र 3 Lakh Merchant पर पहुँच गया है. Sanjay बताते हैं, “इस साल के अंत तक Merchant की संख्या 5 Lakh से ऊपर हो जाएगी.” कंपनी में 1,000 Employee हैं. सारी Saving लगाकर शुरू की गयी Company इस vittवर्ष के अंत तक 1.2 Billion Rupees की हो जाने की उम्मीद है.

आखिरकार ऐसा क्यूँ है कि जब इतनी संख्या में बड़े खिलाड़ी Online Marketing में दांव आजमा रहे हैं, तब भी Shopclues की Development और Reputation बढती जा रही है. Sanjay ने कहा कि, “उसका कारण है Trust और अपने Customers के साथ एक Emotional Relations.”

वे एक घटना का ज़िक्र करते हैं: “January में Company शुरू हुई थी और February में ठीक Valentine Day के मौके पर हम Problem में फंस गए. हमारे पास 300 Bouquet के Order थे और दुकानवाला आखरी मौके पर भाग गया . हमारी विश्वसनीयता (Reliability) दांव पर लगी थी. आख़िरकार हम खुद भागे-भागे Old Delhi के Market में गये और एक साथ 300 Teddy Bear और Chocolate के Packet खरीद लाये. पूरी रात जागकर उन्हें Pack किया और Customers के सन्देश के और अपने माफीनामे के साथ उन्हें भेजा.” उस दिन को याद करते हुए उनकी आँखें उत्साह से चमकने लगती हैं, “रातोरात Three Hundred Packet तैयार करके Courier किए गये थे.” इस घटना का Positive Effects पड़ा. Social Media पर भी Shopclues के पक्ष में एक माहौल तैयार हुआ. Shopclues ने India में Online Market के स्वरुप को बिल्कुल बदलकर रख दिया. यह इसी कि बदौलत संभव हो सका कि आज एक छोटे शहर के मामूली दुकानदार के लिए भी अपने Products को Online बेचना संभव हो गया है. Sanjay कहते हैं, “हमारा Focus ही Two और Three टियर शहरों पर हैं. महानगरों से ज्यादा बड़ा बाज़ार वहां है. बेचने और खरीदने वाले दोनों. लेकिन ज़रूरत है कि उनकी खरीद क्षमता के मुताबिक Products उन तक पहुंचाने कि.” Shopclues यह काम बखूबी कर रहा है.



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Tuesday, 29 December 2015

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The key of Success - Positive Thinking सकारात्मक सोंच In Hindi Motivational Story

Unsuccessful को Success बनाने में Positive Thinking का महत्व ही सबसे ज्यादा होता है. आज लोगों के दिमाग में यह Negative Thinking घर कर जाती है की Success को पाना बहुत ही मुस्किल काम है
लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है अगर आप Positive Thinking के साथ कड़ी मेहनत करें तो Success को पाना बिल्कुल ही आसन हो जायेगा और इतना ही नहीं Success आपके कदम चूमेगी. “यह बिल्कुल भी Important नहीं है कि कल आप क्या थे अथवा आज आप क्या हैं और किस Stage पर हैं. सबसे Important यह है कि आप कल के लिए क्या सोचते हैं और कल क्या बनना चाहते हैं.”

आज के दौर में जहाँ Youngsters के सामने Jobs की Problem Monster का रूप धारण किए हुए खड़ी है, वहां उनका जल्दी ही Disappointed हो जाना तथा उचित Job न मिलने पर Frustration से भर जाना सामान्य सी बातें हैं. इस स्थिति से Self-Confidence, स्वप्रेरणा, Struggle करने की क्षमता, जल्दी Decision लेने की Ability तथा Situations के हिसाब से खुद को ढालने की कला ही छुटकारा दिला सकती हैं, ये गुण छोटे या मामूली Realized हो सकते हैं, परन्तु लोगों को प्रायः यह अहसास नहीं हो पाता है कि उनमें ये गुण कितनी क्षमता (Efficiency) के साथ Present हैं. यदि हम Struggle Efficiency की बात करें तो ऐसे हजारों उदाहरण दिख जाएँगे, जब किसी व्यक्ति ने अत्यंत छोटे स्तर से काम शुरु करके Unlimited Heights हासिल कीं. हर प्राणी में विषम Situations से जूझने की अदम्य Power होती है. जरुरत है खुद को पहचानने की और Life में संघर्ष से भागने के बजाय Positive Thinking पैदा करने की. यदि व्यक्ति अपने जीवन के हर मोड़ पर Positive Thinking रखे तो पता चलेगा कि उसकी आधी से ज्यादा Problems तो खुद-ब-खुद Solved हो गई.

आशंकाओं के साथ किया हुआ कोई भी काम Success नहीं होता, जबकि Good Thinking के साथ किया गया कोई भी प्रयास कभी भी Unsuccessful नहीं होता. World में दो ही प्रकार के लोग हैं, एक वह जो Successful हैं और दुसरे वह जो Unsuccessful हैं. लेकिन आपको यह सोचना चाहिए कि कुछ व्यक्ति Unsuccessful क्यों होते हैं और कुछ लोग Always Successful कैसे हो जाते हैं? इसके पीछे प्रमुख कारण होता है व्यक्ति का नजरिया. काम और जीवन के प्रति व्यक्ति का दृष्टिकोण उसके आगे बढ़ने या पीछे हटने में Effective Role निभाता है. आप किसी काम में कितने भी निपूर्ण क्यों न ह्नों, आपकी योग्यता चाहे जो हो और आपकी रूचि रुझान कुछ भी हो, जो चीज आपकी Success सुनिश्चित करती है, वह है आपका Attitude.

लेकिन हम में से कितने लोग अपने काम को उत्साहपूर्वक कर पाते हैं? बहुत काम. फिर भी हम कहते हैं कि फलां Interview में नहीं चुने गए या Promotion नहीं पा सके. हारने से जीत मिलती हो ऐसा तो नहीं है फिर भी कुछ खोकर कुछ तो प्राप्त किया जा सकता है, यह बात विरोधाभासी लग सकती है, लेकिन है नहीं. हम मनुष्य हैं और थोड़ी बहुत असफलता मिलना आम बात है. कोई भी व्यक्ति अपने सारे कामों में 100% Success नहीं पा सकता.

जीवन में कभी न कभी हर कोई Unsuccessful होता है. दूसरे शब्दों में असफलताओं के Pillars पर ही टिकी होती है Success. विजेता हार-जीत के अपने अनुभावों को Analysis करके अपने लिए Success होने का Formula खोज लेतें हैं. इसके अनुरूप ही वे अपने Behavior और कार्य में सुधर ला पाते हैं. फर्क सिर्फ यह होता है कि एक Winner जब कोई Mistake करता है तो उसे Accept कर लेता है कि हाँ मुझसे गलती हुई और एक Unsuccessful Person कहता है कि यह मेरी गलती नहीं थी.



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