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Friday, 25 March 2016

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40 Hadees in Hindi

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40 Hadees in Hindi

मैं आज आपके समक्ष कुछ हदीस-ए-नब्वी प्रस्तुत कर रहा हूँ. जो मैंने एक Urdu की किताब से ली है. इस किताब में Hadees-E-Nabvi अरबी से उर्दू में अनुवाद किया हुआ है. मैंने उसे हिंदी में अनुवाद किया है. बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें हदीस पढ़ने और उस पर अमल करने का शौक तो है पर वे Arbic या Urdu नहीं पढ़ पाने कि वजह से इस से महरूम हो जाते हैं. यानि उन्हें अहादीस की जानकारी नहीं मिल पाती है. इसलिए मैंने कुछ हदीस-ए-नब्वी का अनुवाद Hindi में किया है, जिससे लोगों को पढ़ने में आसानी हो सके और लोग इसे पढ़कर इस पर अमल कर सकें. इन अहादिसों को शांतिपूर्ण ढंग से पढ़ें और इस पर अमल करें तो इंशा-अल्लाह-तआला आपकी जिंदगी चैन-व-सुकून से गुजरेगी. इसे दोस्तों को Share करना न भूलें और सवाब का हक़दार बने.

40 Hadees-E-Nabvi in Hindi: 40 हदीस-ए-नब्वी हिंदी में.

 

Hadees 1.

तुम में बेहतरीन वह है जिनके अख़लाक़ अच्छे हो.
तिरमिज़ी शरीफ़ – 5575

Hadees 2.

जो खामोश रहा उसने नेजात पाई.
तिरमिज़ी शरीफ़ - 2425

Hadees 3.

जो रहम नहीं करता उस पर रहम नहीं किया जाता.
मुस्लिम शरीफ़

Hadees 4.

जो लोगों का शुक्र अदा नहीं करता वह अल्लाह का भी शुक्र अदा नहीं करता.
अबूदाऊद शरीफ़ - 4177

Hadees 5.

मुस्लमान को गाली देना गुनाह है और उससे जंग कुफ्र है.
बुख़ारी शरीफ़ - 46

Hadees 6.

हर भलाई सदका है.
बुख़ारी शरीफ़ - 5562

Hadees 7.

हया सरापा भलाई है.
मुस्लिम शरीफ़ - 54

Hadees 8.

तुम में सबसे बेहतर सख्स वह है जो क़ुरान को सीखे और इस को सिखाए.
बुख़ारी शरीफ़ - 4639

Hadees 9.

अमल का दारो-म-दार नियत पर है.
बुख़ारी शरीफ़

Hadees 10.

फजर की दो रिकअत सुन्नत दुनिया-व-माफ़िहा से बेहतर है.
मुस्लिम शरीफ़ - 1193

Hadees 11.

दुआ इबादत का मग्ज है.
तिरमिज़ी शरीफ़ - 3293

Hadees 12.

बेहतरीन तोशा तक़वा है.
बुख़ारी शरीफ़ - 1426

Hadees 13.

सुनी हुई बात देखी हुई बात की तरह नहीं होती.
मुसनद-अहमद शरीफ़ - 1745

Hadees 14.

मोमिन, मोमिन का आईना है.
अबूदाऊद शरीफ़ - 4272

Hadees 15.

भलाई की राह बतलाने वाले को इतना ही सवाब मिलता है, जितना इस पर चलने वाले को मिलता है.
मुसनद-अहमद शरीफ़ - 21326

Hadees 16.

आग से बचो. चाहे एक खजूर का टुकड़ा ही खैरात करके क्यों न हो.
बुख़ारी शरीफ़ - 1328

Hadees 17.

रोज़ा ढाल है.
बुख़ारी शरीफ़ - 6938

Hadees 18.

जो हम को धोखा दे वो हम में से नहीं है.
मुसनद-अहमद शरीफ़

Hadees 19.

अच्छा गुमान रखना बेहतरीन इबादत है.
अबूदाऊद शरीफ़

Hadees 20.

दुनिया मोमिन के लिए कैद खाना है और काफ़िर के लिए ज़न्नत है.
मुस्लिम शरीफ़ - 5256

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Hadees 21.

अज़ान और इक़ामत के दरमियान दुआ रद्द नहीं होती.
तिरमिज़ी शरीफ़

Hadees 22.

जो चीज कम हो और काफ़ी हो वह इस ज्यादा चीज से बेहतर है, जो आदमी को अल्लाह की याद से गाफ़िल कर दे.
मुसनद-अहमद शरीफ़

Hadees 23.

किसी मुसलमान के लिए यह जायज़ नहीं है कि वह अपने मुसलमान भाई के साथ तीन दिन से ज्यादा कताअ-तआल्लूक रखे.
मुस्लिम शरीफ़ - 4644

Hadees 24.

आदमी का हश्र उस शख्स के साथ होगा, जिस इन्सान से उस को मोहब्बत होगी.
बुख़ारी शरीफ़ - 5702

Hadees 25.

जिस से मशवराह लिया जाए, उसे अमानतदार होना चाहिए.
तिरमिज़ी शरीफ़ - 2747

Hadees 26.

असल तवंगरी दिल की तवंगरी है.
बुख़ारी शरीफ़ - 4956

Hadees 27.

नेक-बख्त वह है, जो दूसरो से इबरत हासिल करे.
मुस्लिम शरीफ़ - 4783

Hadees 28.

ऊपर वाला हाथ नीचे वाले हाथ से बेहतर है.
बुख़ारी शरीफ़ - 1338

Hadees 29.

गुनाहों से तौबा करने वाला ऐसा है गोया के उस ने कोई गुनाह ही नहीं किया.
इब्ने मज़ह - 4240

Hadees 30.

मजलिसों के लिए अमानतदारी जरुरी है.
अबूदाऊद शरीफ़

Hadees 31.

मुस्लमान वह है जिस के हाथ व जुबान से दुसरे मुस्लमान महफूज़ रहे.
बुख़ारी शरीफ़ - 9

Hadees 32.

जो नरमी से महरूम है वह हर भलाई से महरूम है.
मुस्लिम शरीफ़ - 4694

Hadees 33.

जो शख्स अल्लाह के लिए एक मस्जिद बनाएगा अल्लाह उस के लिए ज़न्नत में उस जैसा महल बनाएगा.
मुस्लिम शरीफ़ - 229

Hadees 34.

ज़ुल्म कयामत के दिन अंधेरों का सबब बनेगा.
बुख़ारी शरीफ़ - 2267

Hadees 35.

जो अपने को किसी गुनाह का आर दिलाता है, तो वह उस गुनाह को किए बगैर नहीं मरता.
तिरमिज़ी शरीफ़ - 2429

Hadees 36.

रिश्ता को तोड़ने वाला ज़न्नत में दाखिल नहीं होगा.
बुख़ारी शरीफ़ - 5525

Hadees 37.

चुगली करने वाला ज़न्नत में दाखिल नहीं होगा.
मुस्लिम शरीफ़ - 151

Hadees 38.

तुम में से कोई मोमिन नहीं हो सकता जबतक की वो अपने भाई के लिए वही चीज पसंद करे जो अपने लिए पसंद करता है.
बुख़ारी शरीफ़ - 12

Hadees 39.

टखना के जितना निचे कपड़ा होगा उतना हिस्सा आग में होगा.
बुख़ारी शरीफ़ - 5341

Hadees 40.

जो शख्स दो ठंढे वक्त की नमाज़े फजर और असर पढ़ेगा तो वह ज़न्नत में दाखिल होगा.
बुख़ारी शरीफ़ - 540



Youtube Video:


Note:

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