आज हम चाहे उम्र के जिस भी पड़ाव में हों, जिस भी मुकाम पर हों, लेकिन कहीं न कहीं हमारे दिल के अन्दर बचपन कि यादें छिपी होती है. हम अपने दोस्तों से यह बात Shear भी करतें हैं कि मैं बचपन में बहुत ही शरारती था और बहुत बदमाशियां किया करता था. हम अपने बचपन में हुई घटनाओं को याद कर के खुश होतें हैं, और मन-ही-मन मुस्कुरातें हैं. तो आइये हम अपनी बचपन की यादों को ताज़ा करतें है:
बचपन मे 1 रूपये की पतंग के पीछे ;
2 K.M तक भागते थे ;
न जाने कितने चोटे लगती थी ;
वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी ;
आज पता चलता है ;
दरअसल वो पतंग नहीं थी ;
एक Challenge थी ;
खुशीओं को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है ;
वो दुकानो पे नहीं मिलती ;
शायद यही जिंदगी की दौड़ है ...!!!
जब बचपन था, तो जवानी एक Dream था ;
जब बचपन था, तो जवानी एक Dream था ;
जब जवान हुए, तो बचपन एक Dream है...!!!
जब घर में रहते थे, आज़ादी अच्छी लगती थी ;
आज आज़ादी है, फिर भी घर जाने की जल्दी रहती है...!!!
कभी होटल में जाना Pizza, Berger खाना पसंद था ;
आज घर पर आना और माँ के हाथ का खाना पसंद है...!!!
School में जिनके साथ झगड़ते थे ;
आज उनको ही Internet पे तलाशते है...!!!
ख़ुशी किसमे होतीं है, ये पता अब चला है ;
बचपन क्या था, इसका एहसास अब हुआ है...!!!
काश बदल सकते हम ज़िंदगी के कुछ साल ;
काश बदल सकते हम ज़िंदगी के कुछ साल ;
काश जी सकते हम, ज़िंदगी फिर एक बार...!!!
जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे ;
और लोगों से कहते फिरते थे ;
देखो मैंने अपने हाथ जादू से हाथ गायब कर दिए…!!!
जब हमारे पास चार रंगों से लिखने ;
वाली एक पेन हुआ करती थी और हम ;
सभी के बटन को एक साथ दबाने ;
की कोशिश किया करते थे…!!!
जब हम दरवाज़े के पीछे छुपते थे ;
ताकि अगर कोई आये तो उसे डरा सके…!!!
जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते थे ;
ताकि कोई हमें गोद में उठा के बिस्तर तक पहुचा दे…!!!
सोचा करते थे कि ये चाँद
हमारी साइकिल के पीछे पीछे
क्यों चल रहा हैं...!!!
On/Off वाले Switch को बीच में ;
अटकाने की कोशिश किया करते थे...!!!
फल के बीज को इस डर से नहीं खाते थे कि ;
कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए...!!!
Birthday सिर्फ इसलिए मनाते थे ;
ताकि ढेर सारे Gift मिले…!!!
FRIG को धीरे से बंद करके ये जानने
की कोशिश करते थे कि ;
इसकी Light कब बंद होती हैं…!!!
बचपन में सोचते थे कि ;
हम बड़े क्यों नहीं हो रहे ?
और अब सोचते हम बड़े क्यों हो गए ???
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ये दौलत भी ले लो…
ये शोहरत भी ले लो…
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी...
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन…
वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी…!!!
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बचपन की ये Lines जिन्हे हम दिल से गाते-गुनगुनाते थे ;
और खेल खेलते थे तो याद ताज़ा कर लीजिये ...!!!
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▶मछली जल की रानी है ;
जीवन उसका पानी है ;
हाथ लगाओ डर जायेगी ;
बाहर निकालो मर जायेगी…!!!
जीवन उसका पानी है ;
हाथ लगाओ डर जायेगी ;
बाहर निकालो मर जायेगी…!!!
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▶ पोशम्पा भाई पोशम्पा ;
सौ रुपये की घडी चुराई ;
अब तो जेल मे जाना पडेगा ;
जेल की रोटी खानी पडेगी ;
जेल का पानी पीना पडेगा ;
थै थैयाप्पा थुशमदारी बाबा खुश…!!!
सौ रुपये की घडी चुराई ;
अब तो जेल मे जाना पडेगा ;
जेल की रोटी खानी पडेगी ;
जेल का पानी पीना पडेगा ;
थै थैयाप्पा थुशमदारी बाबा खुश…!!!
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▶ आलू-कचालू बेटा कहाँ गये थे ;
बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे ;
बन्दर ने लात मारी रो रहे थे ;
मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे…!!!
बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे ;
बन्दर ने लात मारी रो रहे थे ;
मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे…!!!
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▶ आज सोमवार है ;
चूहे को बुखार है ;
चूहा गया डाक्टर के पास ;
डाक्टर ने लगायी सुई ;
चूहा बोला उईईईईई…!!!
चूहे को बुखार है ;
चूहा गया डाक्टर के पास ;
डाक्टर ने लगायी सुई ;
चूहा बोला उईईईईई…!!!
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▶ झूठ बोलना पाप है ;
नदी किनारे सांप है ;
काली माई आयेगी ;
तुमको उठा ले जायेगी…!!!
नदी किनारे सांप है ;
काली माई आयेगी ;
तुमको उठा ले जायेगी…!!!
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▶ चन्दा मामा दूर के ;
पूए पकाये गुड़ के ;
आप खाएं थाली मे ;
मुन्ने को दे प्याली में…!!!
पूए पकाये गुड़ के ;
आप खाएं थाली मे ;
मुन्ने को दे प्याली में…!!!
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▶ तितली उड़ी ;
बस मे चढी ;
सीट ना मिली ;
तो रोने लगी ;
ड्राईवर बोला ;
आजा मेरे पास ;
बस मे चढी ;
सीट ना मिली ;
तो रोने लगी ;
ड्राईवर बोला ;
आजा मेरे पास ;
तितली बोली ;
“हट बदमाश”…!!!
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▶ मोटू सेठ ;
पलंग पर लेट ;
गाडी आई फट गया पेट ;
पलंग पर लेट ;
गाडी आई फट गया पेट ;
गाड़ी का नम्बर 88 ;
चल मेरी गाड़ी India Gate ;
India Gate से आई आवाज ;
चाचा नेहरु जिंदाबाद…!!!
चल मेरी गाड़ी India Gate ;
India Gate से आई आवाज ;
चाचा नेहरु जिंदाबाद…!!!
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