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Thursday, 31 December 2015

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Sanjay Sethi की Success Story (Co-Founder & C.E.O. of Shopclues) in Hindi

आज के युवाओं कि सबसे बड़ी Problem यह है की हम कुछ अलग करने की नहीं सोचते हैं. India में यह बहुत बड़ी समस्या है की आज हमें जो कुछ भी मिल जाता है उस पर ही संतुष्ट हो जाते हैं खुद से कुछ हांसिल करने कि कोशिस नहीं करते. हमारे जीवन में कुछ अलग करने कि ललक है ही नहीं. लेकिन यह बात किसी महापुरुष ने कहा है कि “जिसके जीवन में कुछ अलग करने कि चाह न हो और वह अपनी घिसीपिटी जिंदगी से ही खुश हो तो वह आदमी कभी भी Success के मुकाम को हांसिल नहीं कर सकता.”

आईये हम जानते हैं Sanjay Sethi के बारे में जानते हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी में कुछ अलग करते हुए Shopclues जैसी Online Marketing Company की नीव रखी और उसे सफलता की ऊंचाई तक उसे पहुँचाया.

Success Story of Sanjay Sethi (Co-Founder & C.E.O. of Shopclues)

America में बेहतरीन Career छोड़कर Sanjay Sethi India लौटे और अपने चार दोस्तों के साथ शुरु कि अपनी नई Company. महज चार साल के अन्दर Shopclues ने Online Market में बनाई खास जगह.

पढाई कुछ और ही की थी रास्ता कुछ और चुन लिया. और जो रास्ता चुना, उस पर Success की ऐसी Story दर्ज करते गए कि आज उनकी Story सब सुन रहे हैं.

Shopclues के Co-Founder और C.E.O. Sanjay Sethi ने महज चार साल पहले 2011 में इस Online Market – Shopclues की शुरुआत की थी. आज कि भागमभाग भरी जिंदगी में जब किसी के पास Market जाने का वक्त नहीं है, दिन के 24 घंटों में से केवल नींद के समय को छोड़ कर लोग हर समय Mobile और Computer पर Online रहते हैं. ऐसे में बाजार खुद उनके घर आ गया है. Sanjay कहते हैं, “Shopclues अन्य Websites से इसी मायने में अलग है, Shopclues Shopping Mall और बड़ा बाज़ार कि तरह है जहाँ सबके लिए सबकी जरुरत और खरीद क्षमता के मुताबिक सब कुछ मिलता है.”

Uttar Pradesh के शहरों Allahabad, Varanasi, Jhansi और Lucknow में जब Sanjay बड़े हो रहे थे तो Computer और हमारी जिंदगी में इतने तूफानी ढंग से Enter नहीं हुआ था. एक सामान्य Middle Class Family के मेधावी बच्चे कि तरह B.H.U से Mechanical Engineering कि पढाई की और SAIL (Steel Authority of India Limited) में नौकरी करने लगे. लेकिन दिल के अन्दर अगर कोई बेचैनी हो और हमेशा कुछ नया सीखते रहने कि ललक हो तो कोई इन्सान कैसे शांत बैठ सकता है. 1996 में IIT Delhi में पहली बार Computer Science में एक साल का एक Course शुरू किया. Sanjay उसके पहले Batch के Student थे. उन्ही के शदों में, “Computer तब नया-नया आया था. IIT में पढने के बाद मेरी जिंदगी कि दिशा बदल गई. फिर मैंने Mechanical Engineering की तरफ पलट कर नहीं देखा”

इसके बाद Sanjay America चले गए. और 14 साल के लिए वहीँ के हो कर रह गये. California में Ebay में काम करने के दौरान उनके मन में अपना कुछ काम करने का खायाल आया वे कहते हैं, “Ebay तब World का सबसे बड़ा Online Market था, लेकिन वहाँ काम करना बहुत ही Boring हो गया था. Ebay India के Online Market को पकड़ने में भी नाकाम रहा था. ऐसा न होता तो Flipkart, Snapdeal जैसी Companies के जमीन नहीं तैयार होती.

Sanjay को लग रहा था कि Indian Online Market का एक बड़ा सा हिस्स अभी भी अनछुआ है. पर America छोड़ने का फैसला आसन नहीं था. उसके पास America की नागरिकता (Citizenship) थी. Job, Safety, बच्चों का बेहतर Future. India लौटने का मतलब था इन सब को दाव पे लगा देना, लेकिन आखिरकार Sanjay ने कठिन रास्ता चुना.Sanjay ने अपने दोस्तों Sandeep, Radhika Agarwal और Mrinal Chatterjee के साथ मिलकर Gurgaon में महज 800 Sq.Ft. की जगह में अगस्त, 2011 में Shopclues की शुरुआत कि. एक साल बाद January 2012 में जब Shopclues पहली बार Online हुआ तो उनके यहाँ महज 15 लोगों की Team थी. पहले दिन उनके पास 2 Order आए थे. Sanjay उन दिनों की याद करते हैं, “शुरू में तो दिन के 3-4 Order ही आते थे. कई बार तो दिन भर में एक भी Order नहीं होता था”

उस दिन से लेकर आज Shopclues की कहानी कुछ यूँ बदली है कि अब Everyday 80,000 से लेकर 1 Lakh 50 Thousand तक Order आते हैं. महज 20 Merchant से शुरू हुआ सफ़र 3 Lakh Merchant पर पहुँच गया है. Sanjay बताते हैं, “इस साल के अंत तक Merchant की संख्या 5 Lakh से ऊपर हो जाएगी.” कंपनी में 1,000 Employee हैं. सारी Saving लगाकर शुरू की गयी Company इस vittवर्ष के अंत तक 1.2 Billion Rupees की हो जाने की उम्मीद है.

आखिरकार ऐसा क्यूँ है कि जब इतनी संख्या में बड़े खिलाड़ी Online Marketing में दांव आजमा रहे हैं, तब भी Shopclues की Development और Reputation बढती जा रही है. Sanjay ने कहा कि, “उसका कारण है Trust और अपने Customers के साथ एक Emotional Relations.”

वे एक घटना का ज़िक्र करते हैं: “January में Company शुरू हुई थी और February में ठीक Valentine Day के मौके पर हम Problem में फंस गए. हमारे पास 300 Bouquet के Order थे और दुकानवाला आखरी मौके पर भाग गया . हमारी विश्वसनीयता (Reliability) दांव पर लगी थी. आख़िरकार हम खुद भागे-भागे Old Delhi के Market में गये और एक साथ 300 Teddy Bear और Chocolate के Packet खरीद लाये. पूरी रात जागकर उन्हें Pack किया और Customers के सन्देश के और अपने माफीनामे के साथ उन्हें भेजा.” उस दिन को याद करते हुए उनकी आँखें उत्साह से चमकने लगती हैं, “रातोरात Three Hundred Packet तैयार करके Courier किए गये थे.” इस घटना का Positive Effects पड़ा. Social Media पर भी Shopclues के पक्ष में एक माहौल तैयार हुआ. Shopclues ने India में Online Market के स्वरुप को बिल्कुल बदलकर रख दिया. यह इसी कि बदौलत संभव हो सका कि आज एक छोटे शहर के मामूली दुकानदार के लिए भी अपने Products को Online बेचना संभव हो गया है. Sanjay कहते हैं, “हमारा Focus ही Two और Three टियर शहरों पर हैं. महानगरों से ज्यादा बड़ा बाज़ार वहां है. बेचने और खरीदने वाले दोनों. लेकिन ज़रूरत है कि उनकी खरीद क्षमता के मुताबिक Products उन तक पहुंचाने कि.” Shopclues यह काम बखूबी कर रहा है.



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